अध्यापकों से संवाद के लिए द्वार खुले हैं: शिवराज
भोपाल: मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय और पंचायतों के अधीन कार्यरत अध्यापकों के शिक्षा विभाग में संविलियन सहित विभिन्न मांगों को लेकर चल रहे आंदोलन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि संवाद के लिए हमेशा द्वार खुले हैं, मगर ‘मांगें अभी पूरा करो’ यह रवैया ठीक नहीं है।
राज्य के अध्यापक अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार को राजधानी भोपाल में तिरंगा यात्रा निकालने का ऐलान किया था। इसे रोकने के सरकार ने भूरपूर प्रयास किए, मगर फिर भी बड़ी संख्या में अध्यापक भोपाल पहुंच गए।
अध्यापकों के आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री चौहान ने संवाददाताओं से कहा है कि उनकी सरकार सदैव शिक्षकों के साथ रही है, किसी की कोई मांग हो उसे पूरा करने में समय लगता है। प्रशासन ने अध्यापकों से आग्रह किया था कि वे अपने आंदोलन को अभी न करें। यह ऐसी मांग है जिसमें करोड़ों रुपये लगना है, इस पर वित्त विभाग और बाकी सभी से बात करना पड़ती है। इसमें समय लगता है।
इतना ही नहीं एक तरफ सूखे का संकट है और अन्य परेशानियां भी हैं।
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने जहां अध्यापकों के सामने अपनी बात रखी थी, वहीं यह भी कहा था कि शुक्रवार को ईद का दिन है, कानून व्यवस्था की समस्या रहती है, इसलिए इस दिन प्रदर्शन न करें क्योंकि बड़ा ही संवेदनशील मामला होता है।
कानून व्यवस्था देखना प्रशासन का काम है, ताकि कोई अव्यवस्था न फैले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग इस आंदोलन को भड़काउ दिशा में ले जाना चाहते हैं, एक तस्वीर पिछले दिनों सोशल मीडिया पर आई, जिसमें पुलिस वाला एक व्यक्ति के सिर पर पैर रखे है, यह तस्वीर मध्य प्रदेश की थी ही नहीं। उन्होंने आगे कहा कि सरकार शिक्षकों के साथ और चर्चा के लिए हमेशा द्वार खुले हुए हैं।
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