मोदी सरकार मांस पर रोक, घर वापसी को बढ़ावा नहीं देती: मुख्तार अब्बास नकवी
नई दिल्ली: केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने देश के कई हिस्सों में मांस की बिक्री पर अस्थाई रोक और संगीतकार ए.आर.रहमान को दिए गए हिंदू संगठनों के ‘घर वापसी’ के न्योते पर कहा कि केंद्र सरकार इन सब बातों में शामिल नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार ‘सभी की आजादी का सम्मान’ करती है।
नकवी ने कहा, “देश के कुछ हिस्सों में मांस की बिक्री पर लगाई गई रोक जैसी बातों से राजग सरकार का कोई लेना देना नहीं है।”
संगीतकार रहमान के खिलाफ एक इस्लामी संस्था रजा अकादमी के फतवे और फिर विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठनों द्वारा रहमान को ‘घर वापसी’ के दिए गए न्योते पर नकवी ने कहा कि यह सभी बातें ‘बीमार दिमागों’ की उपज हैं।
नकवी ने कहा, “रहमान भारत के लिए बेशकीमती हैं। देश के किसी भी अन्य नागरिक की तरह वह भी जिस तरह चाहें अपना काम करने के लिए आजाद हैं। उन्हें परेशान करना बीमार दिमागों का काम है।”
उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान देश के विकास पर केंद्रित है।
नकवी ने इन सभी विवादों के लिए विपक्ष को जिम्मेदार बताया।
बिना किसी पार्टी का नाम लिए उन्होंने कहा, “यह सारा किया धरा उन विपक्षी पार्टियों का है जो धूल में मिल चुकी हैं।”
इस सवाल पर कि कुछ दक्षिणपंथी ताकतें अल्पसंख्यकों पर अपने विचार और तौर तरीके थोपना चाह रही हैं, नकवी ने कहा, “भारत के लोगों में यह क्षमता और संवेदना है कि वे समाज के किसी भी हिस्से की तरफ से आने वाली गलत बातों को खारिज कर सकें।”
उन्होंने कहा कि भाजपा बिहार चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है।
नकवी ने कहा, “बिहार में मुकाबला जीडीपी (बढ़त, विकास और तरक्की) बनाम एबीसी (अराजकता, खराब सरकार और भ्रष्टाचार) के बीच है।”
उन्होंने कहा कि बिहार की 70 फीसदी आबादी युवाओं की है और ये विकास और बेहतर सामाजिक-आर्थिक माहौल चाहते हैं।
नकवी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि संसद के शीतकालीन सत्र में कामकाज सामान्य तरीके से होगा।
उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में उन्होंने विभिन्न पार्टियों से संपर्क किया है और लगभग सभी का कहना है कि संसद के दोनों सदनों में कामकाज बिना बाधा के होना चाहिए।
सुशील कुमार