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उम्मीद न करें कि सरकारी बैंक रिण से दबी वितरण कंपनियों का कर्ज देंगे: जेटली

हांगकांग: राज्यों को कड़ा संदेश देते हुए वित्त मंत्री अरण जेटली ने आज कहा कि राज्य यह उम्मीद न करें कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बेहद गैर-वाजिब दरों की वजह से बिजली वितरण कंपनियों को होने वाले घाटे में मदद के लिए उन्हें कर्ज देंगे।

कुछ सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली वितरण कंपनियों :डिस्काम: की वित्तीय सेहत पर चिंता जताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ राज्य बिजली के लिए उचित कीमत नहीं वसूल रहे हैं।

उनका यह बयान ऐसे समय आया है जबकि कई डिस्काम वित्तीय संकट से जूझ रही हैं। इससे बैंकिंग क्षेत्र की गैर निष्पादित आस्तियां भी बढ़ रही हैं।

जेटली ने यहां निवेशकों व उद्योग नेताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘कुछ राज्य बिजली के उचित कीमत नहीं वसूल रहे, जिससे डिस्काम प्रभावित हो रही हैं। ये राज्य यह उम्मीद न करें कि सरकारी बैंक घाटे वाली डिस्काम का वित्तपोषण करेंगे।’’

बिजली वितरण कंपनियों का संयुक्त रूप से रिण का बोझ तीन लाख करोड़ रपये से अधिक है।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियां :एनपीए: मार्च के अंत तक उनके कुल रिण पोर्टफोलियो का 5.20 प्रतिशत थीं।

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