हिन्दी अब वैश्विक भाषा बन गई है- डॉ. सच्चिदानंद जोशी
माधवेंद्र
नई दिल्ली।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, संस्कृति मंत्रालय ने हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के साथ मिलकर ‘हिन्दी पखवाड़ा’ के अवसर पर एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम जनपथ भवन, जनपथ मार्ग, नई दिल्ली में स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सभागार ‘समवेत’ में आयोजित हुआ। कार्यक्रम के पहले सत्र के अतिथि कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी, दिल्ली पुलिस के उपायुक्त आनंद कुमार शर्मा, माइक्रोसॉफ्ट के निदेशक (स्थानीय भाषा और एक्सेसिबिलिटी) बालेंदु शर्मा दाधीच तथा ऑल इंडिया रेडियो के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. लक्ष्मी शंकर बाजपेयी थे।
कार्यक्रम में बोलते हुए डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि समकालीन समय में हिन्दी ने वैश्विक भाषा का दर्जा प्राप्त कर लिया है। उन्होंने युवाओं को हिन्दी में उचित शोध और अध्ययन के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने अपनी मातृभाषा हिन्दी के समुचित उपयोग की बात कही और भाषा के सही प्रयोग पर जोर दिया। आनंद कुमार मिश्रा ने स्कूल में अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए युवाओं को यह संदेश दिया कि अपनी पहचान और भाषा को लेकर कभी भी संकोची नहीं होना चाहिए। इस अवसर पर बोलते हुए बालेंदु शर्मा दाधीच ने कहा कि हमें प्रौद्योगिकी की उन्नति में भाषा का उपयोग करना चाहिए और वह माइक्रोसॉफ्ट में व्यवहार में इस बात का पालन करते हैं।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों के छात्रों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। भाषण प्रतियोगिता का विषय था- “राष्ट्रीय अखंडता में हिन्दी का योगदान”। भाषण प्रतियोगिता में जिस उत्साह और जोश के साथ छात्रों ने हिस्सा लिया, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि हिन्दी व अन्य भारतीय भाषाएं तथा संस्कृति सुरक्षित हाथों में हैं। प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार विशाखा, द्वितीय पुरस्कार अभ्युदय और तृतीय पुरस्कार मनीष कुमार झा को प्रदान किया गया। अंजलि, प्रियांशी, श्रद्धा, अलका, दिव्या, जयंती मिश्रा और दिवेश चंद्र को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।