मोदी के महानायकत्व का बखान करती कृष्ण मोहन झा की पुस्तक “महानायक मोदी”
प्रवीण खारीवाल
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक
श्री कृष्णमोहन झा की यूं तो अनेक कृतियां प्रकाशित हो चुकी हैं और चर्चित भी रही हैं, परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने उनकी जिस पुस्तक का विमोचन किया, उसकी चर्चा पुस्तक के प्रकाशन के काफी पहल से ही होने लगी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वितीय कार्यकाल के प्रथम वर्ष की विशिष्ट उपलब्धियों और ऐतिहासिक फैसलों को मुख्य विषय वस्तु बनाकर लिखी गई पुस्तक “महानायक मोदी” के बारे में जब यह सुनने में आया कि इसकी भूमिका प्रधानमंत्री मोदी के विशेष विश्वासपात्र वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने लिखी है, तो बुद्धिजीवी वर्ग और राजनीतिक क्षेत्रों में इस पुस्तक को लेकर विशेष उत्सुकता का माहौल निर्मित होना स्वाभाविक ही था। शायद यही कारण है कि कृष्ण मोहन झा की महत्वाकांक्षी कृति “महानायक मोदी” के प्रथम संस्करण की अधिकांश प्रतियां प्रकाशन के एक माह के अंदर ही बिक चुकी हैं। पुस्तक के प्रकाशक “सरोजनी पब्लिकेशंस” के व्यवस्थापक का कहना है कि उनके संस्थान के द्वारा अभी जितनी भी पुस्तकें प्रकाशित की गई हैं उनमें कृष्ण मोहन झा लिखित “महानायक मोदी” बेस्टसेलर साबित हुई है।
प्रधानमंत्री मोदी के बहुआयामी व्यक्तित्व एवं कृतित्व की खूबियों को मात्र 160 पृष्ठों में बखूबी उजागर करना निस्संदेह एक दुष्कर कार्य था, परंतु झा इस पुस्तक के माध्यम से “गागर में सागर” कहावत को सच साबित करने में सफल हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के द्वितीय कार्यकाल की शुरुआत से ही एक के बाद जो साहसिक फैसले केंद्र सरकार ने किए हैं, उन पर इस पुस्तक में लेखक ने नई रोशनी डाली है। इस पुस्तक में सरकार के हर महत्त्वपूर्ण फैसले का सटीक विश्लेषण किया गया है और झा ने किसी भी लेख में अपनी निष्पक्ष राजनीतिक विश्लेषक की छवि को दांव पर लगाने का दुस्साहस नहीं किया है। किसी भी लेख में आप लेखक पर पूर्वग्रही या पक्षपाती होने का आरोप नहीं लगा सकते। यही वजह है कि राजनीतिक विश्लेषकों के बीच झा ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उनकी अभी तक जितनी भी पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं, उनसे पाठक आश्वस्त हो सकते हैं कि लेखक अपनी इस अलग पहचान को कायम करने के लिए कृतसंकल्प हैं।