मुंबई ट्रेन विस्फोट मामला: पांच दोषियों को मृत्युदंड, सात को आजीवन कारावास
मुंबई: मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों के नौ वर्ष बाद एक विशेष मकोका अदालत ने आज यहां मामले के 12 दोषियों में से पांच को मृत्युदंड और शेष को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
इन विस्फोटों में 188 लोग मारे गए थे।
विशेष न्यायाधीश यतीन डी शिंदे ने फैसला सुनाते हुए कमाल अहमद अंसारी :37:, मोहम्मद फैजल शेख :36:, एहतेशाम सिद्दीकी :30:, नवीद हुसैन खान :30: और आसिफ खान :38: को मौत की सजा सुनाई। इन पांचों लोगों ने बम लगाए थे।
इसके अलावा तनवीर अहमद अंसारी :37:, मोहम्मद माजिद शफी :32:, शेख आलम शेख: 41:, मोेहम्मद साजिद अंसारी :34:, मुज्जम्मिल शेख :27:, सोहैल महमूद शेख :43: और जमीर अहमद शेख :36: को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
न्यायाधीश शिंदे ने 12 आरोपियों के दोषी पाए जाने के बाद बचाव पक्ष के वकीलों को गवाहांे से पूछताछ करने की अनुमति दी थी । इसके बाद बचाव पक्ष के वकीलों ने अदालत को यह दिखाने के लिए नौ गवाहों से पूछताछ की कि आरोपियों ने स्वयं को सुधारा है और इसलिए उन्हें मृत्युदंड न दिया जाए।
गवाहों की सूची में आरोपियों के संबंधी, चिकित्सक, अध्यापक और अन्य लोग शामिल थे जबकि एक दोषी ने मुंबई में 2012 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में एक अन्य आरोपी से पूछताछ की।
गवाहों से पूछताछ के बाद बचाव पक्ष के वकीलों ने 12 दोषियों के प्रति नरमी दिखाने की अपील करते हुए कहा था कि वे केवल सरगना चीमा के प्यादे थे।
विशेष सरकारी अभियोजक राजा ठाकरे ने मामले के सभी दोषियों को मौत का सौदागर करार देते हुए आठ दोषियों को मौत की सजा दिए जाने पर जोर दिया था।
ठाकरे ने अदालत को यह भी बताया कि :सामाजिक : विचारकों को लगता है कि इन दोषियों को रखने के लिए सरकार पर बोझ क्यों डाला जाए। ईमानदार करदाताओं का धन क्यों खर्च किया जाए।
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