पिछड़े इलाकों को चौबीसों घंटे बिजली मुख्य लक्ष्य: गोयल
नई दिल्ली: केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार देश के ग्रामीण और पिछड़े इलाकों को किफायती दर पर चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है।
गोयल ने यहां एक सर्वेक्षण का अनावरण करने के दौरान कहा, “देश के पिछड़े इलाकों और ग्रामीण इलाके के सबसे गरीब नागरिकों को भी किफायती दर पर चौबीसों घंटे बिजली प्रदान करना हमारी सरकार का मुख्य लक्ष्य है।”
कोलंबिया विश्वविद्यालय के सहयोग से ऊर्जा, पर्यावरण एवं जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) के नीति अनुसंधान संस्थान ने ‘द एक्सेस टू क्लीन कुकिंग एनर्जी एंड इलेक्ट्रिसिटी : सर्वे ऑफ स्टेट्स’ शीर्षक से यह अध्ययन किया है।
अध्ययन में खुलासा किया गया है कि 96 फीसदी गांवों तक बिजली पहुंचाने के बावजूद ग्रामीण इलाकों में सिर्फ दो फीसदी परिवारों ने बिजली का कनेक्शन लिया हुआ है और उनमें भी आधे लोगों को ही एक दिन में 12 घंटे बिजली मिल पाती है।
गोयल ने कहा, “यह अध्ययन बिजली की खराब आपूर्ति के कारण ग्रामीण भारत की खस्ता हालत के बारे में समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है और इस मुद्दे पर भविष्य की बहसों के लिए विवरण पुस्तिका की भूमिका निभा सकता है।”
यह अध्ययन बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के 8,500 से अधिक परिवारों, 714 गांवों और 51 जिलों में किया गया है।
अध्ययन में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल को छोड़कर अध्ययन में शामिल शेष सभी राज्यों में बिजली की आपूर्ति बेहद खराब हालत में है।
अध्ययन के मुख्य बिंदु :
* अध्ययन में शामिल छह राज्यों के 95.5 फीसदी गांवों तक बिजली पहुंच चुकी है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में सिर्फ 68.6 फीसदी परिवारों के पास ही बिजली का कनेक्शन है।
* ग्रामीण इलाके के आधे परिवार को एक दिन में 12 घंटे तक ही बिजली मिल पाती है। इस मामले में उत्तर प्रदेश छहों राज्यों में सबसे निचले (23.5 फीसदी) स्तर पर है।
* बिजली कनेक्शन वाले परिवारों को महीने में कम से कम पूरे एक दिन के लिए बिजली नहीं मिल पाती।
* बिहार के 64 फीसदी ग्रामीण परिवार वाले केरोसीन तेल को रोशनी के प्राथमिक स्रोत के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
* 78 फीसदी परिवारों ने सौर ऊर्जा पर रियायत को केरोसीन पर रियायत से तरजीह दी।
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