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विविधता को मेलजोल में बदलने की क्षमता में छिपी है भारत की ताकत: प्रणब मुखर्जी

यरूशलम: भारत के बहु-संस्कृतिवाद के अनोखे मॉडल पर इस्राइल के नेताओं के अचंभित होने के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि भारत में विविधता जोड़ने वाला तत्व है और भारत की ताकत विविधता को मेलजोल की सकारात्मकता में बदलने की उसकी क्षमता में निहित है ।

विविधता को जोड़ने वाला कारक और अनेकता में एकता को मूल तत्व करार देते हुए मुखर्जी ने हिब्रू विश्वविद्यालय में अपने संबोधन में कहा, ‘‘भारत एक ऐसा देश है जो अदृश्य धागे से मजबूती के साथ जुड़ा हुआ है.. जो दुलर्भ गुण है । ’’

विश्वविद्यालय में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को डाक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई ।

इससे पहले, इस्राइल के राष्ट्रपति रेउवेन रिब्लिन, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और विपक्ष के नेता इसाक हरजोग समेत लगभग सभी वरिष्ठ नेताओं ने विविधपूर्ण आबादी को एकसाथ रखने में भारत की उपलब्धियों की सराहना की ।

हरजोग ने इस्राइल के संसद नेसेट में अपने संबोधन में कहा था कि इस्राइल को भारत से यह सीखना चाहिए कि मुसलमानों समेत इतने अल्पसंख्यक समूहों के होने की स्थिति में सहअस्तित्व कैसे बनाये रखा जा सकता है, जिनका वहां सभी क्षेत्रों में प्रतिनिधित्व है ।

बंद कमरे में हुई बैठकों में समझा जाता है कि मुखर्जी ने ‘जीओ और जीने दो’ के सिद्धांत और मतभेदों को चर्चा और खुलेपन से दूर करने पर जोर दिया ।

हरिन्दर मिश्रा

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