कवि राजेश जोशी ने साहित्य सम्मान लौटाया
भोपाल: मध्य प्रदेश के जाने-माने कवि और लेखक राजेश जोशी ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हो रहे हमलों के विरोध में साहित्य सम्मान लौटाने का फैसला लिया है। उन्हें वर्ष 2002 में साहित्य अकादमी सम्मान से नवाजा गया था।
जोशी ने सेामवार को आईएएनएस से कहा कि देश में लेखकों पर हमले कर उनकी हत्याएं की गईं और सरकार मौन है। एक तरफ देश में जहां असहिष्णुता बढ़ रही है, वहीं अभिव्यक्ति की आजादी पर हमले किए जा रहे हैं। इसके अलावा दादरी की घटना के बाद केंद्र सरकार का जो रवैया है, वह बताता है कि यह देश फासीवाद की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि विरोध का अपना तरीका होता है, लिहाजा उन्होंने साहित्य सम्मान लौटाने का फैसला लिया है।
ज्ञात हो कि राजेश को वर्ष 2002 में उनकी कविता संग्रह के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया था। साहित्यकारों व लेखकों पर हुए हमले और देश में बढ़ती असहिष्णुता के विरोध में हाल में कई साहित्यकार और लेखक अपना विरोध दर्ज कराते हुए साहित्य सम्मान लौटा चुके हैं।
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