बिहार चुनाव: पहले चरण में 57 फीसदी मतदान
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में सोमवार को 49 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान संपन्न हो गया। नक्सलियों के चुनाव बहिष्कार के बावजूद 57 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
इसके साथ ही 583 प्रत्याशियों का राजनीतिक भविष्य ईवीएम में कैद हो गया। मतदान में गड़बड़ी फैलाने के आरोप में 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
पहले चरण में राज्य के 10 जिलों समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, नवादा और जमुई के कुल 49 विधानसभा क्षेत्रों में वोट डाले गए।
राज्य निर्वाचन आयोग के अपर मुख्य चुनाव अधिकारी आऱ लक्ष्मणन ने सोमवार को बताया कि पहले चरण में कुल 1़ 35 करोड़ मतदाताओं में से 57 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं ने 13,212 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का उपयोग किया।
उन्होंने बताया कि जमुई जिले में जहां 57 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया, वहीं नवादा में 53 प्रतिशत, समस्तीपुर में 60, बेगूसराय में 59, खगड़िया में 61, भागलपुर में 56 प्रतिशत मतदाताओं ने ईवीएम का बटन दबाया। इसके अलावा बांका में 58, मुंगेर में 55, लखीसराय में 54 तथा शेखपुरा में 55 प्रतिशत मतदाताओं ने अपना फर्ज निभाया। इन आंकड़ों में अभी बढ़ोतरी की संभावना है।
लक्ष्मणन ने बताया कि नौ मतदान केंद्रों पर स्थानीय समस्याओं के विरोध में मतदाताओं ने मतदान का बहिष्कार किया।
पिछले विधानसभा चुनाव में इन क्षेत्रों में 50़ 85 प्रतिशत मतदाताओं ने मत डाले थे।
इस चरण में 54 महिलाओं समेत 583 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। 10 जिलों की 49 सीटों में से नक्सल प्रभावित और संवेदनशील 13 विधानसभा सीटों में अपराह्न् तीन और चार बजे ही मतदान कार्य पूरा कर लिया गया।
पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, मतदान के दौरान गड़बड़ी फैलाने के आरोप में कुल 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 20 मोटरसाइकिल, एक मैजिक वैन और एक बोलेरो जब्त किया गया।
इस दौरान जमुई के चकाई क्षेत्र में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रत्याशी विजय कुमार सिंह पर अज्ञात अपराधियों ने गोलीबारी की, जिसमें वह बाल-बाल बच गए। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
प्रथम चरण के चुनाव में हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रदेश अध्यक्ष शकुनी चौधरी, लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस, भाजपा की रेणु कुशवाहा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह, जद (यू) के विजय चौधरी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के रामदेव वर्मा जैसी हस्तियों की राजनीतिक किस्मत ईवीएम में बंद हो गई।
इस चरण में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की घटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 27, लोजपा के 13, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के छह, हम के तीन प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। जबकि महागठबंधन में जद (यू) के 24, राजद के 17, और कांग्रेस के आठ प्रत्याशी चुनावी समर में हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक, मतदान को लेकर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। सभी मतदान केंद्रों पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवान तैनात किए गए तथा पांच हेलीकॉप्टर और ड्रोन से भी मतदान केंद्रों की निगरानी की गई। मतदान के लिए संबंधित जिलों में सोमवार को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया था।
इस चुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस, राजद और जद (यू) महागठबंधन तथा भाजपा नेतृत्व वाले राजग में माना जा रहा है। छह वामपंथी दल एक अलग मोर्चा बनाकर चुनावी समर में हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के नेतृत्व वाला एक और गठबंधन जोर आजमाइश कर रहा है।
बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों के लिए 12 अक्टूबर से पांच नवंबर के बीच पांच चरणों में मतदान होना है। सभी सीटों के लिए मतगणना दिवाली से ठीक तीन दिन पहले, आठ नवंबर को होगी।
मनोज पाठक