दादरी हत्याकांड एक साजिश: कपिल सिब्बल
नई दिल्ली: कांग्रेस ने शनिवार को दादरी हत्याकांड की निंदा करते हुए इसे समाज में दहशत पैदा करने के उद्देश्य से सुनियोजित तरीके से रची गई साजिश बताया। राष्ट्रीय राजधानी से सटे उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के दादरी में बिसाड़ा गांव में 28 सितंबर को भीड़ ने मोहम्मद अखलाक नामक एक व्यक्ति को गोमांस खाने की अफवाह के चलते पीट-पीट कर मार डाला था।
र्व केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, “दादरी में जो कुछ हुआ वह मात्र मोहम्मद अखलाक पर हुआ हमला नहीं है, बल्कि यह हमला भारतीय संविधान पर है, मौलिक अधिकारों पर है, हमारी उदार परंपराओं पर है, हमारी सांस्कृतिक विविधता पर है, सहिष्णुता की भावना और भारत की आत्मा पर हुआ हमला। हम इसकी निंदा करते हैं और इसके खिलाफ लड़ाई में हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।”
सिब्बल ने कहा, “जिस तरह मोहम्मद अखलाक को निशाना बनाया गया, वह सिर्फ हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच लड़ाई मात्र नहीं है। यह बिहार में दहशत का माहौल बनाकर राजनीतिक भेदभाव पैदा कर विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जिताने के उद्देश्य से रची गई पूर्व नियोजित सोची-समझी साजिश का हिस्सा है।”
उन्होंने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर भी सवाल उठाया और कहा, “मोदी को एक व्यर्थ सा वक्तव्य जारी करने के लिए नौ दिनों का इंतजार नहीं करना चाहिए था। उन्होंने इस संबंध में जो भी बातें कहीं वे असंवेदनशील थीं, क्योंकि उनमें दादरी हत्याकांड के पीछे घृणा फैलाने वाली ताकतों के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया।”
सिब्बल ने कहा, “जिन ताकतों ने पनसारे, दाभोलकर और कलबुर्गी की हत्या की, जिन ताकतों ने जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में एक सांसद की पिटाई की, जिन ताकतों ने मुंबई में गजल गायक गुलाम अली को प्रस्तुति नहीं देने दी, जिन ताकतों ने होटलों से दंपतियों को बाहर निकाल दिया और उनकी निजता में हस्तक्षेप किया, उन्हीं ताकतों ने अखलाक की भी हत्या की। इन ताकतों की मानसिकता में घृणा के बीज दिखाई दे रहे हैं और हिंसा से लाभ लेने की मानसिकता झलक रही है।”
इससे पहले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हरेक घटना पर सरकार के मुखिया की टिप्पणी आवश्यक नहीं है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दादरी हत्याकांड के कई दिनों बाद लोगों से सहिष्णुता की अपील की थी और कहा था कि हमारी सभ्यता के मूल मूल्यों को बेकार नहीं होने दिया जा सकता है।
राष्ट्रपति की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मोदी ने बिहार में आठ अक्टूबर को अपनी रैली में लोगों का आह्वान किया था कि राष्ट्रपति की सलाह मानी जाए।
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