गो-तस्करी रोकने में काफी हद तक कामयाबी: राजनाथ
लखनऊ: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि गो-तस्करी के मामलों को रोकने में केंद्र सरकार ने काफी हद तक सफलता पाई है। भारत को बांग्लादेश सीमा पर गायों की तस्करी पर रोक लगाने में जो सफलता मिली है, उसके कारण ही वहां ‘बीफ’ के रेट बढ़ गए हैं।
अपने संसदीय क्षेत्र के दो दिन के दौरे पर आए राजनाथ ने यहां शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “पीएम मोदी हमेशा से ही पड़ोसी देशों के साथ अच्छे रिश्ते के पक्षधर हैं। इसका फायदा हमें गो-तस्करी पर रोक लगाने में हुआ। भारत को बांग्लादेश बॉर्डर पर गायों की तस्करी पर रोक लगाने में जो सफलता मिली है, उसके कारण ही वहां बीफ के रेट एकदम से बढ़ गए हैं। ये बीजेपी सरकार की कोशिश का ही नतीजा है।”
गृहमंत्री ने कहा, “आज से 9 महीने पहले भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर 13 लाख गायों की तस्करी की जाती थी। इसकी जानकारी जब मुझे मिली, तो मैंने बॉर्डर पर तैनात अधिकारियों को हर हाल में तस्करी रोकने के निर्देश दिए। मैंने खुद इस स्थिति पर नजर बनाए रखी। नतीजतन, मौजूदा समय में गायों की तस्करी में काफी गिरावट आई और अब यह सिर्फ ढाई लाख हो गई है। हमारी कोशिश है कि इसे जीरो पर लाया जाए।”
पाकिस्तान को लेकर राजनाथ ने कहा, “हम पाकिस्तान से भी अपने रिश्ते ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बेहद खराब अंदरूनी हालात से जूझ रहा पाक अपने बॉर्डर पर ही खींझ उतार रहा है।”
उन्होंने कहा, “मैं पाकिस्तान पर कोई इल्जाम नहीं लगा रहा, लेकिन जब-जब भारत के खिलाफ पाक परेशानी खड़ी करता या करवाता है, उसे उसके बॉर्डर पर ही करारा जवाब मिल जाता है। पहले हमारे देश के बॉर्डर पर सफेद झंडा फहराकर शांति की अपील की जाती थी, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। अब हम भी एक गोली के बदले दस गोली दाग रहे हैं।”
राजनाथ ने कहा, “हम नक्सल वारदात पर भी रोक लगाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए हमारा फोकस देश के पूर्वोत्तर राज्यों की गतिविधियों पर है। अब ऐसी ताकतों को पूरी तरह से कुचलने का वक्त आ गया है। हालांकि, हम बात करने के लिए भी तैयार हैं।”
राजधानी में डीपी बोरा की जयंती पर एक समारोह का आयोजन किया गया था। इसमें शिरकत करने पहुंचे राजनाथ ने दिवंगत बोरा के बेटे और भाजपा नेता डॉ. नीरज बोरा को देश में पहला आइकोनिक स्किल सेंटर खोलने की घोषणा करने पर बधाई दी।
डॉ. नीरज बोरा ने बताया कि इस सेंटर में लोगों का कौशल विकास (स्किल डेवपलमेंट) कराया जाएगा और उनका प्लेसमेंट भी होगा। यह भारत में अपनी तरह का पहला कौशल विकास केंद्र होगा।
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