भारत की तरह पाकिस्तान से भी न्यूक्लियर डील करना चाहता है अमरीका
न्यूयॉर्क: पाकिस्तान और अमरीका के बीच न्यूक्लियर डील की संभावनाएं देखने को मिल रही हैं। एक अमरीकी अखबार के मुताबिक पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ इस महीने के आखिरी तक वाशिंगटन आने वाले हैं।
अखबार के अनुसार पाकिस्तान अपने हथियारों और डिलीवरी सिस्टम से जुड़े अपने परमाणु कार्यक्रम को वहां तक सीमित करने के लिए सहमत होगा, जहां तक यह भारत के परमाणु खतरे के खिलाफ उसकी अपनी असल सुरक्षा के लिए जरूरी है।
न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर पाकिस्तान के खराब रिकॉर्ड को देखते हुए अमरीका ने डील से पहले कुछ कड़ी शर्तें भी रखी हैं।
इनमें न्यूक्लियर प्रोग्राम पर बंदिश, जरूरत के लायक न्यूक्लियर हथियार डेवलप करना और एक निश्चित क्षेत्र के बाहर के लिए मिसाइलें तैनात नहीं करना जैसी शर्तें हैं। हालांकि, यह अभी तक साफ नहीं है कि पाकिस्तान इन शर्तों को मानने के लिए तैयार है या नहीं।
हालांकि ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि इस तरह की शर्तें मानना पाकिस्तान के लिए बेहद मुश्किल होगा, क्योंकि पाकिस्तान के लिए भारत एक बड़ा खतरा है।
दूसरी ओर एक अहम मुद्दा यह भी है कि पाकिस्तान बीते कई सालों से बिजली आपूर्ति की समस्या से जूझ रहा है। कराची और लाहौर जैसे मेट्रो सिटीज में घंटों तक लाइट नहीं रहती। बिजली की समस्या को दूर करने के लिए न्यूक्लियर एनर्जी भारी जरूरत है। इस तरह पाक के पास अपने न्यूक्लियर रिएक्टर्स को यूरेनियम उपलब्ध कराना सबसे बड़ी समस्या है। यदि पाकिस्तान यह डील करने में कामयाब रहता है तो उसके लिए उसकी बिजली की समस्या के साथ-सात समस्या का समाधान हो जाएगा।
SaraJhan News Desk