मोदी का निवेशकों को न्योता, जीएसटी अगले साल लागू होने की उम्मीद जताई
बेंगलुरू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नरमी के बादल के बीच भारत एक ‘चमकता बिंदु’ है। साथ ही उन्होंने विदेशी निवेशकों को देश में कारबार के लिए अनुकूल से अनुकूल वातावरण का आश्वासन दिया जिसमें मजबूत बौद्धिक संपदा अधिकार के संरक्षण की मजबूत व्यवस्था भी शामिल है।
मोदी ने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि उत्पाद व सेवा कर (जीएसटी) अगले साल से लागू हो जाएगा।
वे यहां भारत-जर्मनी शिखर सम्मेलन को संबोधित कर हरे थे। इस अवसर पर उनके साथ मंच पर जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल भी मौजूद थीं जो तीन दिवसीय भारत यात्रा पर हैं। व्यापार उद्योग के लिए अनुकूल माहौल बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मोदी ने कहा,‘ बहारी प्रतिभाओं, प्रौद्योगिकी व निवेश को स्वीकार करने के लिए भारत इतने अच्छे से पहले कभी तैयार नहीं था।’
उन्होंने कहा कि पिछले 15 महीनों में एक के बाद एक ऐसे अनेक उपाय किये गए हैं जिससे वैश्विक स्तर पर कारोबार करने वालों की निगाह में भारत की विश्वसनीयता बहाल हुई है। सरकार नियामकीय मंजूरी देने की प्रक्रिया तेज कर रही है। प्रतिरक्षा उत्पादन क्षेत्र में लाइसेंस के लिए आवेदन की आवश्यकता समाप्त की जा रही है और नीतियों को अधिक टिकाउ बना रही है।
इसी संदर्भ में उन्होंने लाइसेंसों की वैधता काल बढाने, विभिन्न रक्षा उत्पादों के निर्माण के लिए विशेष लाइसेंस की अनिवार्यता और पाबंदिया खत्म करने और अंतिम उपयोग के प्रमाण पत्र की व्यवस्था उदार बनाये जाने का भी उल्लेख किया। मोदी ने कहा, ‘हमने रक्षा उद्योग के लाइसेंस की मियाद 3 से बढ़ा कर 18 साल कर दी है।’ उन्होंने कहा कि भारत सही दिशा में आगे बढ रहा है लेकिन वह आत्मसंतुष्ट नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि जबकि दुनिया नरमी से दोचार है तो भारत निवेश के लिए ‘चमकता बिंदु’ बना हुआ है।
भारत जर्मनी व्यापार संधियों पर मोदी ने कहा कि वे आर्थिक संभावनाओं से कम हैं और भारत विभिन्न क्षेत्रों में जर्मनी के साथ संबंध विकसित करना चाहता है। इस कार्य्रकम ‘भारत जमर्नी शिखर सम्मेलन 2015-डिजिटाइजिंग टुमारो टुगेदर’ में मोदी ने कहा,‘ भारत के साफ्टवेयर से ही दुनिया का हार्डवेयर चलेगा।’ मोदी व मर्केल की उपस्थिति में पांच बी2बी :बिजनेस से बिजनेस: समझौतों की घोषणा की गयी।
मर्केल ने कहा कि वह तथा मोदी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधारों के लिए जी4 के जरिए मिलकर काम कर रहे हैं। जी4 (ब्राजील, जर्मनी, भारत व जापान) सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए एक दूसरे का समर्थन कर रहे हैं। मर्केल ने कहा कि मोदी से उनकी नवंबर में जी20 शिखर सम्मेलन में फिर मुलाकात होगी। उन्होंने कहा कि भारत में उच्च कौशल वाली नौकरियों की जरूरत है जबकि जर्मनी को कुशल कामगारों की आवश्यकता है।
मर्केल ने कहा कि जर्मन अभियांत्रिकी तथा भारत की आईटी विशेषज्ञता यहां बेंगलुरू में केंद्रित है। प्रधानमंत्री ने मर्केल के लिए प्रमुख भारतीय सीईओ के साथ विशेष भोज दिया। सम्मेलन का आयोजन नासकाम ने जर्मन रिफानहोफर इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर किया है।
इससे पहले मोदी ने यहां जर्मनी आटोमोटिव कंपनी बोश के परिसर का दौरा किया। बोश ने कहा है कि उसकी 2015 में 650 करोड़ रपये के निवेश की योजना है। इस लगभग दो घंटे के दौरे के दौरान उच्च स्तरीय जर्मन प्रतिनिधि मंडल भी शामिल था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने इसी दौरान ट्वीट किया,‘ मेक इन इंडिया के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं।’ स्वरूप ने ट्वीट में लिखा,‘तकनीकीविदों की अगली पीढी तैयार कर हैं, कौशल भारत के दृष्टिकोण को वास्तविकता में बदल रहे हैं।’
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