वाराणसी: प्रतिकार यात्रा के दौरान हिंसा, 4 इलाकों में कर्फ्यू
वाराणसी: उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कुछ दिनांे पहले गणेश प्रतिमा के दौरान हुए लाठीचार्ज के विरोध में सोमवार को निकाली गई प्रतिकार यात्रा अराजकता की भेंट चढ़ गई।
साधु-संतों के जुलूस के दौरान हुई हिंसक झड़प के बाद पुलिस ने शहर के चार थानाक्षेत्रों के तहत आने वाले इलाके में कर्फ्यू लगा दिया है। वाराणसी के जिलाधिकारी राजमणि यादव ने चार थानाक्षेत्रों में कर्फ्यू लगाए जाने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि जिन पुलिस स्टेशनों में कर्फ्यू लगाया गया है उनमें कोतवाली, दशाश्वमेध, लक्सा और चौक शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि मामला नियंत्रण में है लेकिन एहतियात के तौर पर चौकसी बरती जा रही है और लोगों को घरों से बाहर न निकलने की हिदायत दी गई है।
पुलिस के मुताबिक, गोदौलिया, गिरजाघर, चौक, दशाश्वमेधघाट मार्ग, मदनपुरा और बांस फाटक जैसे इलाकों में बैरिकेडिंग कर लोगों को जाने से रोका जा रहा है।
बताया जा रहा है कि पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच अब भी पथराव-फायरिंग जारी है। भगदड़ के दौरान साधु-संतों के साथ-साथ छह से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। कवरेज के दौरान कुछ पत्रकारों को भी चोटें आई हैं।
पिछले दिनों मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए लाठीचार्ज के विरोध में सोमवार को प्रतिकार यात्रा निकाली जा रही थी। इसमें हजारों लोग मौजूद थे। जुलूस के गोदौलिया पहुंचते ही कुछ अराजक तत्वों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया।
पुलिस की जीप और चार बाइकों में आग लगा दी गई। मामला बढ़ता देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस लगातार आंसूगैस के गोले और रबर बुलेट से फायरिंग करती रही। पुलिस ने 10 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।
प्रतिकार यात्रा में देशभर के साधु-संतों के साथ ही साध्वी प्राची और चक्रपाणि महाराज भी शामिल थे। इस दौरान साध्वी प्राची ने कहा कि प्रशासन ने मूर्ति विसर्जन को लेकर रास्ता नहीं निकाला।
उन्होंने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री अखिलेश खुद साधु-संतों पर हुए लाठीचार्ज के लिए माफी नहीं मांगते, तब तक आंदोलन चलता रहेगा। दादरी मामले को लेकर उन्होंने कहा कि एक तरफ काशी में संतों पर लाठियां बरसाई जाती हैं और दूसरी तरह सीएम गाय काटने वालों को 45 लाख रुपये देते हैं।
चक्रपाणि महराज ने कहा कि सभी संत गोली खाने काशी पहुंचे हैं। अयोध्या, मथुरा, दिल्ली, महाराष्ट्र से भी साधु यहां आए हैं।
प्रतिकार यात्रा स्वामी अविमुक्ते श्वरानंद की अपील पर निकाली गई थी। प्रतिकार यात्रा निकलने का रूट टाउनहॉल से मैदागिन चौराहा से गुजरते हुए चौक और गोदौलिया चौराहा से दशाश्वमेध घाट तक तय किया गया था।
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