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जलवायु परिवर्तन को व्यावसायिक अवसर की तरह इस्तेमाल नहीं करना चाहिए: भारत

वाशिंगटन: भारत ने जलवायु परिवर्तन संकट को व्यवसायिक मौके की तरह इस्तेमाल नहीं करने के लिए आगाह करते हुए विकसित देशों से एक तंत्र तैयार करने को कहा जो तकनीक और नवोन्मेष को महज निजी फायदे के लिए नहीं बल्कि जनिहत के प्रभावशाली औजार में बदल दे।

जलवायु परिवर्तन पर यूएन फ्रेमवर्क कन्वेंशन :यूएनएफसीसीसी: को अपने निवेदन में भारत ने कहा, आर्थिक विकास का एकीकृत वैश्विक दृष्टिकोण विकसित करने में खासकर दुनिया के युवाओं के लिए कई तरह के निर्देशों को समाहित करने की जरूरत है जिससे कि विकसित और विकासशील देशों की सोच के बीच की विषमता को पाटा जा सके।

वेद कथनों और महात्मा गांधी के विचारों का हवाला देते हुए इसमें कहा गया है, सोच के इस तरह के अवरोधकों को हटाने और ऐसी शासन व्यवस्था के निर्माण से सार्वभौम प्रगति की आम समझ का रास्ता तैयार हो सकता है जहां शोषक बाजार नियंत्रित तंत्र की जगह सुविधाजनक तकनीक हस्तांतरण का हो।

भारत ने कहा है, अगर जलवायु परिवर्तन एक विपत्ति है तो मानवता को इसको कम करने के लिए कदम उठाने के साथ ही इसका इस्तेमाल व्यवसायिक अवसर की तरह नहीं किया जाना चाहिए । यह वक्त है कि एक तंत्र हो जो तकनीक और नवोन्मेष को महज निजी फायदे के लिए नहीं बल्कि इसे वैश्विक लोकहित के प्रभावशाली औजार में बदल दे। 

ललित के झा

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