विश्व हिंदी सम्मेलन के सत्रों में मीडिया प्रतिबंधित
भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार से शुरू हुए 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन के पहले दिन विविध विषयों पर हुए सत्रों में मीडिया का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहा। सत्रों की जानकारी हासिल करने के लिए समाचार जगत से जुड़े लोग भटकते रहे, मगर उन्हें सभी सत्रों की चर्चा का ब्योरा नहीं मिल सका।
सम्मेलन का उद्घाटन गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। रामधारी सिंह दिनकर सभागार में हुए उद्घाटन के समय तो मीडिया को प्रवेश दिया गया, मगर दिनभर चले विविध सत्रों से मीडिया को दूर रखा गया।
मीडिया को दूर रखने के मसले पर संवाददाताओं ने जब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप से सवाल किया, उनका जवाब था कि आमतौर पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों के उद्घाटन व समापन के मौके पर ही मीडिया को प्रवेश दिया जाता है।
एक पत्रकार ने जब पिछले नौ सम्मेलनों का हवाला देते हुए कहा कि पहले तो ऐसा कभी नहीं हुआ, तब उनका जवाब था, “मैं इस बारे में जानकारी हासिल करूंगा, तब बताऊंगा।”
पत्रकारों को इस बात पर सख्त आपत्ति थी कि विश्व हिंदी सम्मेलन में उनके साथ ऐसा बर्ताव क्यों हो रहा है।
प्रवक्ता विकास स्वरूप ने चार सत्रों की संक्षिप्त जानकारी मीडिया को दी।
पहले दिन गरमिटिया देशों में हिंदी, विदेश नीति में हिंदी, प्रशासन में हिंदी, विज्ञान के क्षेत्र में हिंदी, संचार व सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हिंदी, विदेशियों के लिए भारत में हिंदी अध्ययन की सुविधा, अन्य भाषा भाषी राज्यों में हिंदी जैसे विषयों पर चर्चा हुई।
इन सत्रों में आमंत्रित विद्वानों के अलावा माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता व संचार विश्वविद्यालय व अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय के छात्र ही प्रवेश पा सके।
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