उत्तराखंड: न्यायालयों में दायर वादों की नियमित सुनवाई करने के निर्देश
देहरादून: जिलाधिकारी रविनाथ रमन ने अवगत कराया है कि प्राय: यह देखने में आ रहा है कि राजस्व न्यायालयों में विचाराधीन/दायर वादों के निस्तारण में अत्यधिक विलम्ब हो रहा है, जिससे न्यायालयों के कार्यप्रणाली के प्रति निराशा का भाव उत्पन्न हो रहा है।
उन्होने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि यह उनका कर्तव्य है कि वह अपने न्यायालयों में दायर/विचाराधीन वादों की नियमित सुनवाई कर गुण-दोष के आधार पर कम से कम समय में उनका निस्तारण करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि दाखिल-खारिज जैसे वादों में भी निस्तारण की गति अत्यधिक धीरे है तथा न्यायालयों में लंबित वादों की संख्या बढ़ती जा रही है।
उन्होंने सभी मजिस्ट्रेटों/ अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे अपने तथा अपने अधिनस्थ न्यायालयों/कार्यालयों की कार्यप्रणाली को चुस्त-दुरूस्त बनाने के लिए समय-समय पर उनका निरीक्षण करना सुनिश्चित करें। जिसके लिए प्रत्येक अधिकारी के लिए वार्षिक निरीक्षण का रोस्टर पूर्व से ही तय होने के बावजूद भी उनके द्वारा अपने अधीनस्थ कार्यालयों/न्यायालयों तथा ग्रामों आदि का निरीक्षण नहीं किया जा रहा है, जो स्थिति ठीक नहीं है।
Sanjay Shrivastava