कोयला घोटाले में मनमोहन सिंह के खिलाफ सबूत नहीं: सीबीआई
नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को एक विशेष अदालत से कहा कि जिंदल समूह को कोयला ब्लॉक आवंटन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कथित संलिप्तता को लेकर उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई सबूत नहीं हैं।
विशेष लोक अभियोजक आर.एस.चीमा ने कहा कि विशेष न्यायाधीश भरत पराशर से कहा कि झारखंड के अमरकोंडा मुर्गादंगल कोयला ब्लॉक को जिंदल स्टील व गगन स्पोंज को आवंटित करने के लिए मनमोहन सिंह को आरोपी बनाने के लिए उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने पिछले महीने एक याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने एक मामले में मनमोहन सिंह को सम्मन जारी करने की मांग की थी, लेकिन सीबीआई ने यह कहते हुए इसका विरोध किया कि याचिका सुनवाई में विलंब करने के लिए दायर की गई।
विभिन्न रिकॉर्ड का हवाला देते हुए अभियोजक ने यह भी कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जिनके पास उस वक्त कोयला मंत्रालय भी था, जिंदल समूह की कंपनी को कोयला ब्लॉक आवंटन की किसी साजिश का हिस्सा नहीं थे।
सीबीआई ने यह भी कहा कि अदालत का मामले से ध्यान भटकाने के लिए याचिका दायर की गई।
कोड़ा की याचिका पर आदेश देने के लिए अदालत ने 16 अक्टूबर की तारीख तय की।
अपनी याचिका में कोड़ा ने कहा, “केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों में कहा गया है कि कोयला मंत्री की संलिप्तता के बिना साजिश पूरी नहीं हो सकती, जिन्होंने आवंटन की पूरी प्रक्रिया को अपनी मंजूरी दी होगी।”
कोड़ा ने याचिका में कहा, “दस्तावेजों के मुताबिक, मामले के तथ्यों से कोयला मंत्री वाकिफ थे और जेएसपीएल तथा जीएसआईपीएल कोयला ब्लॉक आवंटन का फैसला पूरे होशो-हवास में किया।”
उन्होंने कहा कि आरोप पत्र के मुताबिक, आवंटन गलत तरीके से हुआ और लोकहित में नहीं था, तो आवंटन को अंजाम देने वाले अंतिम अधिकारी को मुकदमे का सामना किए बिना यूं ही जाने नहीं दिया जा सकता।
उन्होंने तत्कालीन सचिव (ऊर्जा) आनंद स्वरूप तथा तत्कालीन सचिव (खनन एवं भूविज्ञान) जयशंकर तिवारी को भी सम्मन देने की मांग करते हुए कहा कि कंपनियों के आवेदन का मूल्यांकन करने के लिए झारखंड सरकार द्वारा तीन सदस्यों के उप-समूह का गठन किया गया था, जिसके वे दोनों सदस्य थे।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 अगस्त की तिथि निर्धारित की है।
इस मामले में उद्योगपति एवं कांग्रेस नेता नवीन जिंदल, मधु कोड़ा, पूर्व कोयला राज्य मंत्री दासारि नारायण राव, पूर्व कोयला सचिव एच.सी. गुप्ता और अन्य को आरोपी बनाया गया है।
इन पर आपराधिक षड़्यंत्र, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं।
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