सोमनाथ भारती को सर्वोच्च न्यायालय से बड़ा झटका
नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने पत्नी के साथ घरेलू हिंसा के आरोपी दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री व आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक सोमनाथ भारती की अग्रिम जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई करने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि पहले वह आत्मसमर्पण करें और पुलिस को जांच में सहयोग दें, तभी उनकी याचिका पर सुनवाई होगी।
सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू और न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय की पीठ ने भारती की याचिका पर सुनवाई के लिए यह कड़ी शर्त रखी है।
न्यायालय के इस कड़े रुख के बाद भारती के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रह्मण्यम ने कहा कि उनके मुवक्किल सोमवार शाम तक आत्मसमर्पण कर देंगे। उन्होंने कहा कि वह शाम छह बजे से 6.30 बजे के बीच आत्मसमर्पण कर देंगे।
भारती के आत्मसमर्पण को लेकर सुब्रह्मण्यम का बयान दर्ज करने के बाद न्यायालय ने कहा कि वह मामले की सुनवाई गुरुवार को करेगा।
न्यायालय ने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि वह भारती और उनकी पत्नी लिपिका मिश्रा के बीच के विवाद को हल करने के लिए इसे सर्वोच्च न्यायालय के मध्यस्थता केंद्र भेज सकता है।
मामले की सुनवाई शुरू करते हुए न्यायालय ने एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में भारती के आचरण पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि वह निचली अदालत तथा दिल्ली उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद भी पुलिस से क्यों भागते फिर रहे हैं?
मालवीय नगर से आप विधायक भारती पर पत्नी पर घरेलू हिंसा करने और जान से मारने की कोशिश करने का आरोप है।
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