भारत निवेश के लिए स्वर्ण भूमि: प्रधानमंत्री मोदी
सेन होेजे: भारत को निवेश के लिए स्वर्णभूमि बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि दुनिया में पैसे की कोई कमी नहीं है लेकिन बहुत से देश नहीं जानते कि यह पैसा कहां लगाया जाए .. उनके लिए नया पता भारत है।
उन्हांेने कहा कि उनकी सरकार व्यापार सुगमता सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है और उनका लक्ष्य देश की अर्थव्यवस्था को 8 ट्रिलियन डालर से बढाकर 20 ट्रिलियन डालर में बदलना है।
अमेरिका में सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक के कार्यालय में एक कार्यक्रम में मोदी ने कहा, निवेश के लिए भारत इस समय सर्वोत्तम स्थल है क्योंकि यहां तीन चीजें लोकतंत्र, विशाल आबादी की मांग और आबादी के बड़े हिस्से का कम उम्र होना है। और ये तीनों चीज हमारी अनूठी शक्ति हैं।
उन्होंने कहा, दुनिया में पैसे की कोई कमी नहीं है। बहुत से देशों के पास बहुत ज्यादा पैसा है लेकिन उन्हें पता नहीं कि वे यह पैसा कहां लगाएं। मैं उन्हंे बता रहा हूं- हेयर इज द एड्रेस :यह पता है:- भारत। भारत निवेश का नया गंतव्य है।
मोदी ने कहा, आज दुनिया भारत को आशा की नजर से देख रही है। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से भारत आकर नसीब आजमाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, पिछले 15 महीने में अकेले अमेरिका से निवेश 87 प्रतिशत बढा.. एफडीआई 14 प्रतिशत बढा है जबकि दुनिया में मंदी के कारण इसमें 16 प्रतिशत कमी आई है। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया सफल होगा क्योंकि भारत के पास जो सुविधाएं व अवसर हैं वैसी अन्य देशों के पास नहीं हैं।
मोदी ने विदेशी निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए उठाए जा रहे कदमों का जिक्र किया और कहा कि आर्थिक सुधार तेजी से हो रहे हैं और बीते 15 महीने में उनकी सरकार भरोसा बहाल करने में सफल रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार तीन क्षेत्रों विशेषकर – कृषि, सेवा व विनिर्माण- पर जोर दे रही है। साथ ही उसका ध्यान भौतिक व डिजिटल बुनियादी ढांचा खड़ा करने पर है।
मोदी ने 45 मिनट के इस सवाल जवाब कार्यक्रम के दौरान सोशल मीडिया के फायदों के बारे में भी विस्तार से चर्चा की, विशेषकर देश व विदेश के लोगों को आपस में जोड़ने में सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका को रेखांकित किया।
अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था को मौजूदा 8 ट्रिलियन डालर से बदलकर 20 ट्रिलियन डालर में बदलना उनका सपना है।
मोदी ने कहा, हम प्रौद्योगिकी, पारदर्शिता, दक्षता व प्रभावी शासन ला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उनके 15 महीने के शासन काल में सुधारों का पैमाना व गति दोनों बढी हैं और विश्व बैंक तथा आईएमएफ जैसी वैश्विक संस्थाओं ने भारत की उच्च विकास दर की भविष्यवाणी की है।
सुधारों की धीमी गति संबंधी एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि भारत एक विशाल देश है और परिवर्तन को दिखने में समय लगेगा। मोदी ने कहा, यह कोई स्कूटर नहीं है कि जो दिशा बदलते ही दिख जाए। यह 40 डिब्बों वाली रेलगाड़ी है जिसको मुड़ता हुआ दिखने में समय लगेगा.. भारत ऐसा ही एक विशाल देश है।
सुधारों की गति का जिक्र करते हुए मोदी ने एक तरह से पूर्ववर्ती सरकारों पर कटाक्ष किया और कहा कि बैंकों का राष्ट्रीयकरण 40 साल पहले हुआ था लेकिन 60 प्रतिशत आबादी के पास बैंक खाते पिछले साल उनकी जनधन योजना की शुरआत तक नहीं थे।
उन्होंने कहा, हमारी सरकार के 100 दिन के भीतर 18 करोड़ बैंक खाते खोले गए। यह परिवर्तन का पैमाना व गति है।
बैंकों का राष्ट्रीयकरण तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था।
इस कार्यक्रम के लिए 40,000 सवाल व टिप्पणियां आई थीं लेकिन मोदी ने केवल छह सवालों का जवाब दिया जिनमें से दो सवाल मार्क जुकरबर्ग ने पूछे।
ललित के झा