यूएनएससी की स्थायी सदस्यता के लिए जी-4 वैध उम्मीदवार
न्यूयॉर्क: जी-4 समूह के देशों यानी भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान ने शनिवार को जोर देकर कहा कि वे विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता पाने के वैध उम्मीदवार हैं। इन देशों ने एक-दूसरे की उम्मीदवारी का समर्थन भी किया।
भारत द्वारा आहूत एक विशेष शिखर बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में देशों ने अपने इस संकल्प को भी दोहराया है कि वे संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों को पूरा करने में अपने योगदान जारी रखेंगे।
दुनिया की 10 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल इन चार देशों ने संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों के साथ मिलकर काम करने और सुरक्षा परिषद के जल्द और अर्थपूर्ण सुधार की दिशा में प्रयास बढ़ाने का संकल्प लिया।
बयान में कहा गया है, “उन्होंने महासभा के 70वें अधिवेशन के दौरान ठोस परिणाम हासिल करने की दिशा में अपने प्रयासों को दोगुना करने के प्रति वचनबद्धता जाहिर की है।”
भारत द्वारा आहूत शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रौसेफ ने अपने-अपने देशों का प्रतिनिधित्व किया।
जी-4 देशों के नेताओं ने जोर देकर कहा कि वैश्विक झगड़ों और संकटों से निपटने के लिए अपेक्षाकृत अधिक प्रतिनिधिकारी, न्यायसंगत और प्रभावी सुरक्षा परिषद की आवश्यकता है।
संयुक्त बयान में कहा गया है कि नेताओं ने कहा कि इसे 21वीं सदी में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की वास्तविकताओं को सामने रखकर हासिल किया जा सकता है, जहां अधिक सदस्य देशों के पास अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने के संबंध में बड़ी जिम्मेदारियां लेने की क्षमता और इच्छा है।
नेताओं ने कहा कि 2005 में हुई विश्व शिखर बैठक के बाद से कोई ठोस प्रगति नहीं हुई, जहां सभी राष्ट्राध्यक्षों एवं शासनाध्यक्षों ने एक सुर से सुरक्षा परिषद के जल्द सुधार का समर्थन किया था और इसे संयुक्त राष्ट्र सुधार के संपूर्ण प्रयास का एक महत्वपूर्ण तत्व बताया था।
चारों देशों ने मजबूती के साथ इस बात की वकालत की कि संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद के सुधार के लिए जारी प्रक्रिया एक तयशुदा अवधि के भीतर पूरी की जानी चाहिए, क्योंकि यह आवश्यक है।
नेताओं ने खासतौर से अफ्रीकी समूह, कैरिकॉम (कैरिबियन समुदाय और कॉमन मार्केट) और एल69 समूह (अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन, एशिया और पैसिफिक के विकासशील देशों का एक समूह) के सदस्य देशों के प्रयासों का स्वागत किया।
उन्होंने सुरक्षा परिषद की स्थायी और गैर स्थायी सदस्यता में अफ्रीका के प्रतिनिधित्व का समर्थन किया।
बयान में कहा गया है कि नेताओं ने विस्तारित और सुधारित सुरक्षा परिषद में छोटे ओर मध्यम दर्जे के सदस्य देशों के पर्याप्त एवं अनवरत प्रतिनिधित्व के महत्व को भी रेखांकित किया।
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