आतंकवाद को धर्म से अलग करने की आवश्यकता: प्रधानमंत्री मोदी
संयुक्त राष्ट्र: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष खूंखार आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट ‘सबसे बड़ी चुनौतियों’ में से एक है और आतंक के खिलाफ लड़ाई में के क्रम में आतंकाद से धर्म को अलग करने की जरूरत पर जोर दिया।
कल संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर जॉर्डन के सुल्तान शाह अब्दुल्ला से मोदी ने मुलाकात की। मुलाकात के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि मोदी ने इस दौरान युवाओं को कट्टरपंथ से बचाने से निपटने के तरीकों पर विचार किया।
स्वरूप ने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने इस बात को माना कि आईएसआईएस अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद को मजहब से अलग करने की जरूरत है।’’
मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और आईएस जैसे संगठनों के खतरे से निपटने के लिए वैश्विक कार्रवाई करने की जरूरत है।
आईएस को आईएसआईएस भी कहा जाता है।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर लंबे समय से लंबित एक समग्र संधि के प्रस्ताव का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर एक सुर में बोले और इस वैश्विक संधि को स्वीकार करे।
मोदी और शाह अब्दुल्ला ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के बारे में भी विमर्श किया।
योशिता सिंह और ललित के. झा