भाजपा ‘जंगलराज’ का भय दिखा रही: नीतीश कुमार
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोगों को ‘जंगलराज’ का भय दिखा रही है, परंतु बिहार में जंगलराज है ही नहीं। नीतीश ने पटना में एक निजी समाचार चैनल के कार्यक्रम में कहा, “हमारा रास्ता न्याय के साथ विकास का रहा है और आगे भी रहेगा।”
उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि विकास पर बहस हो, परंतु विकास के मॉडल और विकास पर कोई बहस करना नहीं चाहता। लोग इसे भटकाकर जंगलराज पार्ट 2 पर ले जाते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “बिहार में कहीं कोई जंगलराज नहीं है। लोग विकास की चर्चा तक नहीं करना चाहते।”
नीतीश ने खुद को जंगलराज के बयानों से अलग करते हुए कहा कि जब वह लालू प्रसाद के विरोध में थे, तब भी उन्होंने जंगलराज जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं किया था।
वर्ष 2010 में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हिस्सा लेने पटना आए नरेन्द्र मोदी के भोज को रद्द करने के संबंध में नीतीश ने एक बार फिर कहा, “पटना में नमो का भोज रद्द करने का उन पर जो आरोप लगाया गया है, वह निराधार है। दरअसल यह काम सुशील मोदी ने किया था। मैंने तो भोज की पूरी तैयारी कर ली थी।”
समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख मुलायम सिंह यादव द्वारा नीतीश को धर्मनिरपेक्ष नहीं माने जाने पर मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा, “शायद उन्हें लगता है कि वह ‘यूनिवर्सिटी ऑफ सेक्यूलरिज्म’ के वाइसचांसलर हैं और हमलोग उनसे सेक्यूलरिज्म का प्रमाणपत्र लेने की अर्जी लगाए हुए हैं।”
भाजपा पर जातीय राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के लोगों द्वारा प्रधानमंत्री और राज्यपाल की जातीय पहचान प्रदर्शित की गई। इससे क्या जाहिर किया जा रहा है।
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