भारत का सबसे अच्छा मित्र बनना चाहता है अमेरिका: जो बिडेन
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने यहां एक व्यापारिक सम्मेलन में कहा कि अमेरिका भारत का सबसे अच्छा मित्र बनना चाहता है, वहीं भारत ने भी कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों के कारण दोनों देशों का निकट संबंध स्वाभाविक है।
मंगलवार से यहां शुरू होने वाली रणनीतिक और वाणिज्यिक वार्ता के एक दिन पहले अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) के 40वें नेतृत्व सम्मेलन में बिडेन ने सोमवार को कहा, “हमारा लक्ष्य भारत का सबसे अच्छा मित्र बनना है।”
उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति, मैं और समस्त प्रशासन का विश्वास है कि भारत-अमेरिका संबंध 21वीं सदी को पारिभाषित करने वाला होगा।”
बिडेन ने कहा कि दोनों देशों में व्यापार और निवेश की अकूत संभावनाएं हैं, लेकिन अधिक सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अमेरिका मोदी के सुधार को सहयोग करने में पूरी मदद करेगा।
उन्होंने भारतीय कवि नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रविंद्र नाथ ठाकुर के शब्दों का हवाला दिया, जिसका मतलब है, “हम सिर्फ किनारे खड़े रहकर और पानी को देखते रहकर समुद्र पार नहीं कर सकते।” बिडेन ने दोनों पक्षों को साथ मिलकर समुद्र पार करने के लिए आमंत्रित किया।
सम्मेलन में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि दोनों देशों का संबंध लोकतंत्र से पैदा हुई समानता से परिभाषित होता है।
स्वराज ने कहा, “हमने अपनी समानता का उपयोग रक्षा और सुरक्षा, आतंकवाद से मुकाबला, स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरणीय सुरक्षा, विज्ञान और पौद्योगिकी तथा अंतरिक्ष जैसे विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ने में किया है।”
स्वराज ने कहा, “जैसा कि राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा था, हमारी साझा कोशिशों से भारत-अमेरिका साझेदारी 21वीं को पारिभाषित करने वाली बन सकेगी।”
इससे पहले अमेरिकी विदेशमंत्री जॉन केरी ने कहा कि भारत और अमेरिका वाणिज्यिक संबंध और लगाव के एक नए युग में प्रवेश कर चुके हैं।
केरी ने कहा, “हमारा देश नवाचार और अवसरों से भरा है। हम एक तरह से सोचते हैं। हमारे पास भविष्य गढ़ने की क्षमता है।”
केरी ने कहा, “विचारधाराओं की असमानता के कारण पहले भले ही हमारे रास्ते अलग हुए हों, लेकिन आखिरकार हम एक स्वाभाविक साझेदार हैं।”
सम्मेलन को अमेरिकी वाणिज्य मंत्री पेनी प्रिट्जकर और भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी संबोधित किया।
स्वराज जहां अमेरिका-भारत रणनीतिक वार्ता का नेतृत्व कर रही हैं, वहीं सीतारमण वाणिज्यिक वार्ता का नेतृत्व कर रही हैं।
रणनीतिक और वाणिज्यिक वार्ता के अंतर्गत रणनीति और वाणिज्यिक वार्ता के अलावा अधिकारी स्तर की भारत-अमेरिका स्वास्थ्य वार्ता और जलवायु परिवर्तन पर भारत-अमेरिका संयुक्त कार्य समूह की एक बैठक भी होगी।
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