आरबीआई ने विकास के रुझान को प्रोत्साहन दिया: मूडीज
मुंबई: वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने मंगलवार को कहा कि मुख्य नीतिगत दरों में 50 आधार अंकों की कटौती उम्मीद से अधिक है और इस फैसले से पता चलता है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विकास के सुस्त रुझान को आक्रामक प्रोत्साहन दिया है।
मूडीज की सहायक प्रबंध निदेशक अत्सि सेठ ने एक बयान में कहा, “रेपो दर में 50 आधार अंकों की कटौती बाजार की 25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद से अधिक है। इससे पता चलता है कि आरबीआई विकास के मौजूदा रुझानों को इतना कमजोर मानता है कि इसे आक्राम प्रोत्साहन की जरूरत है।”
आरबीआई ने मंगलवार को रेपो दर में 50 आधार अंकों की कटौती की है। रेपो दर वह दर है, जिस पर आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों से उन्हें दिए गए छोटी अवधि के ऋण पर ब्याज लेता है। आरबीआई ने इसके साथ ही वाणिज्यिक बैंकों को भी अपनी दरें घटाने की सलाह दी है।
ताजा कटौती के बाद रेपो दर 6.75 फीसदी हो गई। इससे वाणिज्यिक बैंकों की दरें कम होंगी, जिससे विभिनन ऋणों पर दी जाने वाली मासिक किस्ते भी कम हो जाएगी।
सेठ ने कहा, “कटौती का आर्थिक प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि बैंकों की ब्याज दर कितनी और कितनी तेजी से कम होती है।”
मानसूनी बारिश के कमजोर रहने और सुधार की धीमी गति के कारण मूडीज ने पिछले महीने मौजूदा कारोबारी साल के लिए देश की विकास दर के अनुमान को 50 आधार अंक घटाते हुए सात फीसदी कर दिया था।
मंगलवार को जारी वैश्विक आर्थिक परिदृश्य 2015-16 में मूडीज ने कहा, “हमने औसत से कम मानसूनी बारिश के आलोक में अपने विकास दर के अनुमान को घटाकर करीब सात फीसदी कर दिया है, यद्यपि बारिश उतनी भी कम नहीं हुई, जितना मानसून शुरू होने के पहले डर था।”
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