वन रैंक वन पेशन स्कीम को मंजूरी, बिहार चुनाव से पहले पूर्व सैनिकों को सरकार का तोहफा
मोदी सरकार ने लंबी बातचीत और मान-मनौव्वल के बाद शनिवार को आखिरकार वन रैंक वन पेंशन (OROP) स्कीम का ऐलान कर दिया। करीब 26 लाख रिटायर सर्विसमैन और 6 लाख से अधिक युद्ध विधवाओं को इस स्कीम का तत्काल लाभ मिलेगा। इससे सरकारी खजाने पर करीब 8 से 10 हजार करोड़ रुपए का बोझ बढ़ेगा। वीआरएस लेने वाले फौजियों को इस स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा। ओआरओपी स्कीम 1 जुलाई 2014 से प्रभावी मानी जाएगी। यह मामला चार दशक से लटका था।
बिहार चुनाव से पहले ‘वन रैंक वन पेंशन’ स्कीम का ऐलान मोदी सरकार के लिए एक बड़ी राजनीतिक जीत मानी जा रही है। 82 दिन से जंतर-मंतर पर ओआरओपी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैन्यकर्मियों में इस ऐलान के बाद खुशी की लहर दौड़ गई। ओआरओपी स्कीम लागू होने से अलग-अलग समय रिटायर हुए एक ही रैंक के सैन्यकर्मियों की पेंशन के बीच का अंतर समाप्त हो जाएगा।
OROP की खास बातें –
– करीब 26 लाख रिटायर सर्विसमैन और 6 लाख से अधिक युद्ध विधवाओं को इस स्कीम का तत्काल लाभ होगा।
– OROP लागू होने से सरकारी खजाने पर 8,000 से 10,000 करोड़ रुपए का बोझ बढ़ेगा।
– जुलाई 2014 से लागू होगी वन रैंक, वन पेंशन स्कीम
– हर पांच साल पर पेंशन की समीक्षा की जाएगी।
– एरियर चार अर्धवार्षिक किस्तों में दिया जाएगा।
OROP को लेकर क्या हुआ आज
– वन रैंक वन पेंशन (OROP) की मांग को लेकर पिछले 82 दिनों से अनशन कर रहे पूर्व सैनिकों और सरकार के बीच इस मुद्दे पर शनिवार को मोटे तौर पर सहमति बन गई है।
– रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के साथ पूर्व सैनिकों की लगभग डेढ़ घंटे बैठक चली।
– बैठक के बाद पूर्व सैनिकों के संयुक्त संगठन के अगुवाई करने वाले रिटायर्ड मेजर जनरल सतबीर सिंह ने बताया, सरकार ने मोटे तौर पर हमारी मांगें मान ली हैं।
– सतबीर सिंह ने कहा- शाम लगभग तीन बजे रक्षा मंत्री OROP के बारे में औपचारिक घोषणा करेंगे।
– पूर्व सैनिकों से मुलाकात के बाद रक्षामंत्री भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलने गए।
– तीन बजे प्रेस कांफ्रेंस कर रक्षा मंत्री ओआरओपी का ऐलान किया।