ईरानी संसद ने विश्व शक्तियों के साथ परमाणु करार स्वीकार किया
तेहरान: ईरान की संसद ने विश्व शक्तियों के साथ देश का ऐतिहासिक परमाणु करार आज स्वीकार कर लिया और इसी के साथ इस करार पर सांसदों के बीच बहस पर अंकुश लग गया और इसे औपचारिक तौर पर लागू करने का रास्ता तैयार हो गया।
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरना और अन्य मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि संयुक्त समग्र कार्य-योजना :जेसीपीओए: मंजूर करने का प्रस्ताव 59 के मुकाबले 161 मतों से स्वीकार किया गया। 13 सांसद अनुपस्थित रहे।
मतविभाजन की प्राथमिक रिपोर्टों में बताया गया था कि ईरानी संसद के 290 सदस्यों में से 250 वहां मौजूद थे और 17 सांसदों ने मतविभाजन में हिस्सा नहीं लिया।
तकरीबन दो साल की लंबी कूटनीति के बाद 14 जुलाई को ईरान और छह प्रमुख विश्व शक्तियों के बीच परमाणु करार हुए लेकिन अमेरिका और ईरान के सांसदों ने मतविभाजन पर जोर दिया था।
इस करार से ईरान पर लगे परमाणु गतिविधि संबंधित प्रतिबंध हटेंगे जबकि ईरान अपनी परमाणु गतिविधियों पर अंकुश लगाएगा।
सितंबर में, अमेरिकी सांसद इस करार में पलीता लगाने में नाकाम रहे।
उधर, ईरान में भी, अत्यंत रूढि़वादी सांसदों ने करार के मजमून में खामियां होने की बात कही थी। जब ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि सांसद जानबूझ कर करार में देर करा रहे हैं तो उन सांसदों ने उनकी आलोचना की थी।
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