आपातकाल, जेपी आंदोलन से नई राजनीतिक पीढ़ी जन्मी: प्रधानमंत्री मोदी
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को स्वतंत्रता सेनानी व राजनेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 113वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा धब्बा है लेकिन इसी वजह से देश में एक नई राजनैतिक पीढ़ी का जन्म भी हुआ।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में जयप्रकाश नारायण की 113वीं जयंती के मौके पर हुए लोकतंत्र प्रहरी अभिनंदन कार्यक्रम में कहा कि आपातकाल के दौरान जन्मी राजनीतिक पीढ़ी जे.पी. के लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति पूरी तरह समर्पित है।
मोदी ने कहा, “आपातकाल ने एक गहरा धब्बा लगाया था। यह भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं के लिए झटका था। लेकिन कई बार ऐसा होता है, बुराई से अच्छाई पैदा हो जाती है।”
मोदी ने कहा, “राजनीति में आज बहुत लोग आपातकाल और जे.पी. आंदोलन के उन शुरुआती दिनों के लिए शुक्रगुजार हैं। उस वक्त एक नई राजनीतिक पीढ़ी का जन्म हुआ था।”
मोदी ने कहा कि जे.पी. में वह क्षमता थी जो आपातकाल से भी सकारात्मक बात को पैदा कर सकती थी।
उन्होंने कहा, “आपातकाल की याद उस वक्त के बारे में चिंता जताते रहने के लिए नहीं करनी चाहिए। बल्कि, इसे अपने देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को और मजबूत बनाने के संकल्प के तौर पर लेना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि ‘हम जब गांधीजी, जे.पी. और नानाजी (देशमुख) सरीखे लोगों को याद करते हैं, तो हमेशा भारत के गांवों के एकीकरण के बारे में सोचते हैं।’
बाद में मोदी ने ट्वीट के जरिए कहा कि जेपी की जयंती मनाने के लिए हुए कार्यक्रम से कितनी ही यादें ताजा हो गईं, उनके साथ यादों के सफर पर गए जिन्होंने आपातकाल विरोधी आंदोलन में हिस्सा लिया था।
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